Saturday, March 26, 2011

कौन ‘शा हीद’ होगा जंग में


हां, अब एक बार फिर खून उबाल मारेगा। मैदान पर सांसें ऊपर-नीचे होंगी। एक-एक रन पर मरने-मिटने की बारी आएगी, हर खिलाड़ी अपनी जान लगा देगा, लड़ा देगा। हर चौके पर खुशी और मायूसी आएगी, हर विकेट पर तालियां और गालियां मिलेंगी। हजारों लोगों की आवाज मन में डर पैदा कर देगी। एक अच्छी चीज शाबासी तो दूसरी गाली देगी। यह क्रिकेट रहेगा, लेकिन किसी जंग से कम नहीं होगा। हर कोई इसमें बारूद उगलेगा, हर कोई अपनी गेंदों से फायर करेगा, हर कोई अपना इमान दिखाएगा, और हर कोई अपना 100 प्रतिशत देगा। धोनी के धुरंधर धधकेंगे तो शाहिद की सेना सनकेगी। हर कोई एक दूसरे को देखकर अंगार उगलेगा। हर कोई जीत के इरादे से ही नहीं, उसे मुट्ठी में करने के लिए उतरेगा। यहां क्रिकेट जरूर होगा, पर जंग की तरह। टीमें अपने-अपने अस्तित्व को बचाएंगी और दूसरों के कॅरियर को ग्रहण लगाएंगी। हर तरफ मारकाट जैसा रहेगा। नसों में खून दुगुनी रफ्तार से दौड़ेगा। आंखें सामने वाले को खाने दौड़ेंगे, गेंदों में बम भरे जाएंगे, और बल्लों से तोपे चलाई जाएगी। हर कोई क्रिकेट की इस जंग का हीरों कहलाएगा। हां कुछ शहीद भी हो जाएंगे, जिनके नाम से मिलता है, वो ही शहीद होंगे। कइयों का तो कॅरियर ही दांव पर आ गया है। हर कोई अपने तरकश के तीरों के सभी बाण यहां अजमा लेगा। कुछ तो ऐसे भी हैं, जो जीने मरने का गम छोड़कर इस महाकुंभ की जंग में अपनी सबसे तेज गेंदों का इस्तेमाल करेंगे। यहां हर वो बात होगी, जो अभी तक दूसरे मैचों में हमें देखने को नहीं मिली है। हमें मैदान पर हरी घास जरूर दिखेगी, लेकिन वह बारूदी ढेर रहेगा। यहां हाथ जरूर मिलाए जाएंगे, लेकिन वहीं पर हाथ तोड़ने के इरादे होंगे। खेल की भावना तो यहां ताक पर रख दी जाएगी। हर कोई सभ्य दिखेगा, लेकिन जोश दोगुना रहेगा। जुनून का हर लम्हा, और इसके साक्षी रहेंगे हम और आप। खिलाड़ियों से लेकर मैदानी दर्शकों का खून भी उबाल लेगा। फिर दोनों देशों की आवाम भी भला पीछे कहां रह सकती है, वह भी तो इसकी भागीदारी में अपनी आहुति देने के लिए बेकरार है। वह भी तो अंगारों की सेज पर चलकर अपना लोहा मनवाने की सोचेगी। हां, यह क्रिकेट की सबसे बड़ी जंग होगी। क्योंकि यहां भारत-पाक भिड़ेगा, या कहें कि लड़ेगा। दोनों ने जमकर तैयारियां कर ली हैं। सभी तीर कमान पर चढ़ गए हैं, बस संहर करना बाकी है, जो उस दिन पूरी शिद्दत से खेला मैच वही जीतेगा। या यह भी हो सकता है कि कोई एक खिलाड़ी इतना तेज या अपनी प्रतिभा से कई गुना आगे जाकर खेल जाए तो फिर दूसरी टीम को कोई नहीं बचा सकता है। यहां देखने वाली बात होगी कि मोहाली के इस ‘महाभारत’ में अर्जुन कौन बनता है। हां अभी तक तो सचिन तेंदुलकर ही सबसे भारी नजर आ रहा है और शाहिद के रणबाकुरों ने उनके लिए चक्रव्यूह भी तैयार कर लिया है, लेकिन अर्जुन अभिमन्यु तो नहीं है, जो इस चक्रव्यूह में फंस जाए। वह तो अपने स्टाइल से ही रहेगा और हर विरोधी को धूल चटाएगा। हमेशा की तरह। अब हाईवोल्टेज में अपनी बिजली और रफ्तार दिखाने के लिए बेताब है। सभी को बस इंतजार है तो उस दिन का, जिस दिन यह जंग होगी। हां, 6 घंटे की इस जंग में मरेगा तो कोई नहीं, लेकिन करोड़ों लोगों के दिल जरूर टूटेंगा। क्योंकि यह खेल नहीं जंग है, परंपराओं की, भावनाओं की, प्रतिद्वंद्विता की और प्रतिस्पर्धा की। यह दिखाने की जंग है कि हम बाप हैं और तुम बेटों हो, और उसी की तरह हमारा सदा आदर किया करो, जब भी ज्यादा उड़ने की कोशिश करोगे तो तुम्हारे पर कतर दिए जाएंगे। यहां हर कोई खौफजदा भी है और बेखौफ उड़ान भी भर रहा है। जगह तय हो गई है, दिन तय हो गया है, समय तय हो गया है... बस इंतजार है तो उस पल के आने का, जब यह जंग शुरू होगी। उस सिक्के का जो आसमान में उछलते ही, तीर और तलवारों से बात होने लगेगी। अब मजा आएगा...यह कहें कि क्रिकेट का असली खुमार चढ़ा है।

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