Wednesday, March 2, 2011

दौलत या मुहब्बत


जब मुहब्बत और दौलत की जंग होती है तो कहा जाता है कि अकसर दौलत हार जाती है, लेकिन यह तभी होता है जब मुहब्बत कयामत से भी अधिक हो, भगवान से भी बढ़कर हो, लेकिन यह भी विरल सत्य है कि मुहब्बत दौलत के आगे कई बार दम तोड़ती नजर आती है। वह पराजित हो जाती है। मुहब्बत का यह मौसम कई बार बदल जाता है, लेकिन दौलत वह ढलान है, जिस पर कोई उतर नहीं सकता। कोशिश करेगा तो वह सीधे फिसल कर नीचे चला जाएगा। कई विरोधियों ने कोशिश भी की है, यह कोशिश करने वाले मुहब्बत के दीवाने ही थे, लेकिन ये पतंगों की तरह फनाह हो गए। और दौलत जीत गई। तो क्या दिल की जगह दौलत से नाता जोड़ लिया जाए, लेकिन यह दिल है कि मानता ही नहीं। जब मुहब्बत करने पर आता है तो दौलत को भुला जाता है। हां कई बार यह सफल भी हो जाता है, पर असफलता इसके भाग्य में अधिकतर आ जाती है। अब प्रसंब यह है कि माल्या और रणवीर का। जिनके बीच एक कुड़ी है, वह बेहद खूबसूरत है। उसका नाम दीपिका परी है, हां जी अब वह सिद्धार्थ के साथ दिखाई देती है। यहां रिश्तों की क्या परिभाषा होती है, इसके बारे में अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है, लेकिन पहले रणवीर के इश्क में डूबी दीपिका को कोई ऐसा हमसफर चाहिए था जो रणवीर से भी अधिक स्ट्रांग हो। हां, यह अलग बात है कि रणवीर की पॉपुलॉरिटी सिद्धार्थ से बहुत अधिक है, और इस देश में युवाओं की धड़कन हैं। सिद्धार्थ तो एक गुमनाम शब्द होता, अगर आईपीएल न होता। जो कुछ भी प्रसिद्धि मिली है वह आईपीएल की टीम, पिता विजय माल्या और दीपिका पादुकोण के साथ उनके संबंध से। मगर रणवीर के आगे सिर्फ कपूर ही लगा होना, उन्हें इस देश का सबसे चहेता बना देता है। इस मुश्किल में दीपिका ने पहले तो रणवीर से प्यार किया, मगर इस प्यार में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। अब पर्दे के पीछे का क्या राज है, दीपिका ने रणवीर को नजरंदाज किया या फिर रणवीर ने दीपिका को। यह कोई नहीं जानता, लेकिन दोनों के ब्रेकअप ने बॉलीवुड में उन्हें काफी चर्चा दिला दी। तभी दीपिका ने सिद्धार्थ कैंप का दामन थाम लिया, सिद्धार्थ का फिल्मी दुनिया से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन उनके पास इतना पैसा है कि वो बॉलीवुड के कई अमीरों को खरीद सकते हैं। मालामाल हैं माल्या। वहीं रणवीर की फैन फॉलोविंग बहुत अधिक है। दीपिका ने फिर से किसी बॉलीवुड के सितारे से संबंध बनाने की बजाय सिद्धार्थ का हाथ पकड़ लिया, वहीं रणवीर को भी उनकी नई महबूबा कटरीना के रूप में मिल गई। यह अलग बात है कि कटरीना सलमान से इश्क लड़ाती हैं, अब कटरीना सलमान की हैं या फिर रणवीर की। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि उन्होंने अपने रिश्तों का रहस्य अभी बरकरार रखा है। खैर यह सोचने का विषय नहीं है, लेकिन दौलत की ओर भागी दीपिका को प्यार में कितनी ईमानदारी मिलती है या वह स्वयं भी जानती हैं। यह भी सही है कि रणवीर कोई दूध के धुले नहीं है और उनके नाम के साथ भी धोखेबाज शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सिद्धार्थ भी कुछ कम नहीं होंगे। हां, दीपिका के बारे में यह कहना कि उन्हें धोखा मिलेगा, उसकी बजाय यह भी तो कहा जा सकता है कि उन्होंने किस-किस को धोखा दिया होगा। उनके कई प्यार होंगे जो उन्हें ऐतबार करा रहा होगा, लेकिन प्रसिद्धि क्या मिली, वो तो बचपन के प्यार को भुला ही बैठी। मैडम ने नाता ही तोड़ दिया। बस यही होता है जीवन रहस्य। जो जिसे चाहता है, उसे उसकी चाहत नहीं मिलती। और जो जिसे नजरंदाज कर देता है, वही उसके पीछे प्रेम दीवानी बनकर घूमती रहती है। दीवानों की इस दुनिया का यही नियम है यही कायदा है। जहां शोहरत की आंच में उनके रिश्ते कई बार झुलस जाते हैं और वो तमाशबीन बनकर सिवाय उसे देखने के और कुछ भी नहीं कर पाते हैं। यह सदियों से चला आ रहा सत्य है, जिसने लैला और मजनू, हीर और रांझा के साथ और न जाने कितनी प्रेम कहानियों को टूटते और रगड़ते देखा है। वो इस दुनिया में तबाह हो गई, बर्बाद हो गई, फनाह हो गई। अब भी कोई हालात नहीं बदले हैं।

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