
मौत हसीन हो तो मरने में और मजा आता है, खेल में कोई हसीना हो तो खेल का रंग ही बदल जाता है, जिंदगी में किसी खूबसूरत परी का साथ हो तो वह जन्नत की तरह बन जाती है। हर बार हसीना ही हावी रहती है। इस हसीन दुनिया में खूबसूरत जो भी खूबसूरत चीज होती है वह हमें भाति है, ऐसे में वह मौत ही क्यों न हो, तो सवाल यह उठता है कि आखिर हर बार मौत को हसीन ही होती है, बिलकुल होती है, और जब यह हसीन होती है तो मौत की सलतनत में सरताज बनने का मौका कौन हाथ से गंवाने वाला है। हां, वो लैला है, जिसका मजनूं दीवाना था, वो मजनूं तो अपनी लैला के लिए अमर हो गया, लेकिन यह लैला कितनी बेदर्द है जो न जाने कितने मजनुओं की जान से खेल रही है। यह कैटरीना भी तो ऐसा ही है,जो हजारों की जान ले चुका है, अब तक आप गफलत में पड़ चुके होंगे कि हम क्या हूल-जुलूल की बातें कर रहा हूं, मैं लैला को हसीन मौत क्यों बता रहा हूं, आखिर हम तो एक ही लैला को जानते थे, जिससे मजनूं बहुत मुहब्बत करता था। सोनी भी थी, महिपाल भी था, ऐसी ही न जानें कितनी हसीनाएं, और कैटरीना जो दिलों पर कहर बरसा देता है। दिमाग पर जोर देने की बात है भाई, यहां हम लैला तूफान और कैटरीना तूफान की बात कर रहे हैं, भले ही इनके नाम उन हसीनाओं से मिलते जुलते हो, जो लाखों के दिलों की धड़कनें तेज कर देते हो, लेकिन ये लैला और कैटरीना तो इतनी बेदर्द हैं कि लाखों की धड़कनें ही बंद कर देती हैं। आखिर इतनी बेदर्द क्यों हैं...वहीं एक सवाल यह भी उठता है कि आखिर इन भयानक चीजों का नाम इतनी खूबसूरत क्यों रखा गया है। दरअसल लैला का मतलब तो वह खूबसूरत हसीना होती है, जिसके भूरे बाल, भूरा चेहरा और भूरी आंखें होती हैं, जिसे एक बार देखकर ही दिल मचल जाए, उससे मिलने का, उसके पास जाने का।
वहीं बॉलीवुड की कैटरीना को तो हम देख ही रहे है, वह किसी परी से कम नहीं है,जिसकी आंखें और रुप देखकर दिल मचल जाता है। जब ये इतनी खूबसूरत हैं तो इनके नाम को भयानकता से...इसके पीछे साइंटिफिक तर्क देने की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि हम भारतीय तो अपना जीवन भावनाओं और कल्पनाओं के ऊपर जीते हैं, तो ऐसे में यहां एक नई कल्पना आई है, क्या इनके नाम इसलिए तो नहीं रखे गए हैं कि जब इनका नाम लिया जाए तो लोग घबराए नहीं, बल्कि उनसे मिलने के लिए तड़प उठे। यह बहुत जरूरी है कि मौत नहीं डराती, बल्कि मौत का भय डराता है। लैला ने अभी बहुत तबाही मचाई है, लेकिन लैला का नाम आते ही हमें वह सैकड़ों लोग जो मर गए हैं वो नजर नहीं आते, बल्कि लैला का नाम सुनते ही हमारे दिलों में हमारी लैलाएं आ जाती हैं। कैटरीना के तूफान के समय भी यही हाल था। लैला-लैला करने वालों अब सावधान हो जाओ, क्योंकि यह खतरनाक हसीना है और कब मौत बनकर सामने आ जाए कहां नहीं जा सकता है। फिलहाल तो इनके नामों ने उन लोगों को जरूर राहत दे रखी है, जो इस तरह की घटनाएं सुनकर काफी सहम जाते हैं। इसके लिए मानवीय कृत्य जिम्मेदार नहीं है, इसे प्रकृति का निराला खेल या उसका कहर मान सकते हैं , तो इसी बहाने सही, कम से कम इस सदमे से उबरने के लिए ही इनका नाम लैला और कैटरीना रखा गया हो। मगर सलमान और मजनूं के साथ सैकड़ों लोगों संभल जाओ, इन हसीनाओं का भी कोई भरोसा नहीं है, कहीं ये भी तो तूफान न बन जाएं, और कब मौत से आपका सामना हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। फिलहाल तो लैला दु:ख दे रही/रहा है, और हमारी तुमसे अपील है कि लैला, तुम्हे इतना गुस्सा शोभा नहीं देता है।