Tuesday, April 6, 2010
. हमारा वीर जारा ला सकता है,उनका नहीं
मुल्क पार मुहब्बत की अड़चनें
. हमारे देष का वीर पाकिस्तान से जारा तो ला सकता है, लेकिन पाकिस्तान का कोई मुहम्मद हमारी मेहंदी को ले जाए तो यह हमें बर्दाष्त नहीं होता है
सानिया को षायद अपने प्यार को पाने में उतनी तकलीफें आ रही है, जितनी उन्हें सोहराब मिर्जा से सगाई टूटने पर नहीं आई होंगी। दरअसल इस बार उनकी मुहब्बत का दुष्मन यह मुल्क ही बन गया है। क्योंकि यहां बात धर्म की नहीं बल्कि मुल्क की आ गई है। स्वाभिमान की आ गई है, इज्जत की आ गई है, मर्दत्व की आ गई है। हमारे देष का वीर पाकिस्तान जाकर जारा तो ला सकता है, लेकिन वहां का वीर हमारे देष की जारा लेकर जाए यह हमें कतई मंजूर नहीं है। फिर चाहे तारा सकीना को ले या फिर कई और हीरों पाक की प्रेमिका से मुहब्बत फरमाएं और उन्हें हराकर अपने घर लेकर आ जाएं। यही हो सकता है, अगर इसके विपरीत नदी या हवा बहने की कोषिष करती है, तो उसमें सैकड़ों अड़चनें खड़े करने के लिए तैयार रहते हैं। बाल ठाकरे से लेकर हर वो ष्षख्स जो सुलतानी बुद्धि या फिर खुद को पाक से बड़ा मानता है, वह यही कहेगा कि सानिया आखिर कैसे पाकिस्तान जा सकती है। साथ ही यह देष के मर्दत्व पर भी एक प्रहार होगा, क्या देष के किसी मर्द में इतनी ताकत नहीं है कि वो सानिया का दिल जीत सके। आखिर वह ष्षोएब कैसे हमारे घर की आबू्र को भगा कर ले जा सकता है। यहां बात घर-घर से ष्षुरू होने वाली है, क्योंकि यहां कोई मुहब्बत का दुष्मन नहीं है, बल्कि अपने गर्व की रक्षा करना चाह रहा है। अगर सानिया उस देष चली गई तो यही होगा कि पाक से कोई नौजवान हमारे देष के सैकड़ों युवाओं को पछाड़ते हुए हीरोइन को उड़ा ले गया। यहां एक और फिल्म बन जाएगी, जिसमें सानिया-षोएब का उल्लेख होगा, हां यह है कि यह फिल्म पाकिस्तान में अधिक मषहूर होगी, यहां तो उसे सिनेमाघरों में ही जला दिया जाएगा या फिर कोई इस पर कार्य करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। हिना फिल्म की हिना हो या फिर हिंदुस्तान की कसम की हीरोइन, हर बार हमारा हीरो रहा है और वहां की लड़की रही है। आर्थात् भारत में लड़के पक्ष को विजेता माना जाता है और उनके यहां से लड़की लाएं, मतलब उन पर फतेह कर वापस आए हो। इसलिए हो-हल्ला नहीं मचता, लेकिन इस बार तो हमारे घर की दुल्हन है और वहां का दूल्हा। साथ ही यह दुल्हन कोई आम दुल्हन नहीं है, बल्कि जवां दिलों की धड़कन है, तो कैसे कोई हमारी धड़कनों को चुुरा सकता है। आखिर हमारा वीर ही पाक से जारा लाएगा, हमारे घर से मेहंदी को कोई मुहम्मद नहीं ले जा पाएगा, यह हमने नियम बना दिया है और इसकी रक्षा के लिए हम युद्ध के स्तर तक भी जा सकते हैं। इसलिए इन वीरा-जारा के मसले पर इतना बवाल मचाया जा रहा है, मगर आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन जारा...सानिया जी थोड़ा सतर्क जरूर रहिएगा।
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