Monday, July 12, 2010

पॉल बाबा यहां आओ, जबरदस्त मौका है


जैसा कि इस समय सबसे सटिक भविष्यवाणियां अगर कोई कर रहा है तो वो हैं बाबा पॉल आॅक्टोपस...ये इस समय किसी सितारे से कम नहीं है और इनकी गूंज सिर्फ साउथ अफ्रीका या स्पेन तक नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में है। आखिर बाबा है ही इतने सटिक। इनके कहे हुए एक-एक शब्द ब्रम्ह की लकीर की तरह सच साबित हुए हैं, फुटबाल के बारे में जो भी वो कहते वैसा ही हुआ, उन्होंने कहा ब्राजील हारेगा तो किसी को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन वह हारा तो लोगों का विश्वास बढ़ा, फिर वो बोले कि अर्जेटीना और जर्मनी में से कोई भी फाइनल नहीं खेलेगा तो पूरी तरह यकीन नहीं हुआ, लेकिन अंत में सारी शंकाओं का अंत हो गया और बाबा की सारी भविष्यवाणियां सच हो गई। वाह बाबा वाह! मगर मैं आपको एक छोटी सी सलाह देता हूं, सलाह यह है कि साउथ अफ्रीका में न तो आपकी कदर होगी और न ही कोई यूरोपीय देश में। पूरी दुनिया में आपको ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाएगा, लेकिन आप अगर हमारा निमंत्रण लेकर भारत आ जाएं तो आपको यहां बाबा से भगवान बना दिया जाएगा। वैसे आपके इतना कहने पर ही इंडिया ने आपको बाबा का तमगा दे ही दिया है, लेकिन भगवान बनना है तो प्लीज आप यहां चले आए। अगर यहां आ गए तो आपके भक्तों का तांता लग जाएगा, फिर क्या गरीब और क्या अमीर, सब तेरे दर पर माथा रगड़ने चले आएंंगे, हर कोई आपके सामने भीख मांगते नजर आएगा। अरे नहीं नहीं...आप चिंता मत करोे भाई...
यहां भी आपकी कम वकत नहीं होगी, आपको जितना पैसा चाहिए मिलेगा, हमारा तो देश ही ऐसा है, जहां बाबाओें और मंदिरों में हम बहुत अधिक खर्चा करते हैं, हम तो उधार ही ढूंढ़ते रहते हैं कि कोई पहुंचवाला बाबा हमें मिल जाए।
इस चक्कर में कई बार पाखंडी हमें बेवकूफ बनाकर निकल जाते हैं, हम लुटा भी जाते हैं, लेकिन हमारी तलाश पूरी नहीं होती है, अब आप पर तो शक का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि आपकी भविष्यवाणियों पर तो पूरा दुनिया विश्वास करने लगा है, आज फुटबॉल की खुमारी भले ही न उतरी हो, लेकिन अगले दस से पंद्रह दिनों में आपको कोई याद रखने वाला नहीं है, लेकिन महाशय ये इंडिया है, यहां हीरो भी हिट और जीरो भी, यहां भीडू को भी भान हो जाता है और चपरासी भी मदरासी बन जाते हैं। तो आप तो बहुत पहुंचे हुए हैं, पूरी दुनिया में आपका नाम चल रहा है
यहां थोड़ी सी नजरें घुमा दीजिए, अगर ऐसा कर दिया तो निश्चय ही हमारे भाग खुल जाएंगे, साथ ही अमीरों के साथ गरीबों की भी किसमत बदल जाएगी, क्योंकि यहां गरीबी बहुत है, अब मान भी जाओ...यहां से अब हम कल्पना लोक में चलेंगे, जहां आगे का भविष्य दिखाया जाएगा, उसमें यह कि बाबा पॉल इंडिया आने के लिए तैयार हो गए हैं, वाह बाबा इंडिया आ रहे हैं, अखबारों ने प्रथम पृष्ठ से लेकर आखिरी पन्ने तक उनकी रामायण छाप दी, टीवी चैनल बेकरार हैं, उन्हें दिखाने के लिए....
बाबा का प्रवेश इंडिया में हो गया, हजारों लोग उनके इस्तेकबाल के लिए खड़े हैं, बाबा को एक फाइव स्टार होटल के सामने बैठा दिया गया... नजारा देखो, सैकड़ों लोगों की भीड़ चली आ रही है, हर कोई इस बाबा के घर अपनी झोली भरवाने के लिए आ रहा है, सबकी ख्वाहिशें पूरी हो रही हैं, बाबा का मंदिर भी बन गया, नेता लोग कोई कार्य करने से पहले बाबा के दरबार में हाजिरी लगाना नहीं भूल रहे हैं। गरीब अमीर बनने के ख्वाब उनके सामने बता रहा है, सैकड़ों लोगों की समस्याएं सुनते-सुनते बाबा को कुछ दिन तो अच्छा लगा, अब बाबा परेशान हो उठे, मगर जो उन्हें लाया उसे तो इतना चढ़ावा मिल रहा था कि वह खूब उछल कूद मचा रहा था। अब बाबा का मन नहीं लग रहा था, वो बेचारे क्या करें, उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। बाबा ने तरकीब निकाली, चलो अब वो इलाज नहीं करेंगे। तब बाबा ने अपना प्रताप बंद कर दिया, मगर जो लाया तो उसे तो कमाई जारी रखना थी। उसने बाबा को वापस विदेश भेज दिया और कहा कि बाबा ने समाधि ले ली, अब वहां मंदिर बन गया, लोगों की भीड़ फिर भी कम नहीं हो रही थी, और देश में फैली अंधी आस्था के जाल में भोले मासूम बेचारे फंसते जा रहे थे...अब जरा ठहरिए हम कल्पना और स्वप्न लोक से बाहर आकर बात करते हैं तो हकीकत यह है कि न तो बाबा पॉल आ रहे हैं और न ही ऐसा कुछ हो रहा है, लेकिन हम लोग अंधी आस्था और बाबाओं के चक्कर में आज भी जकड़े हुए हैं, हम आज भी उन्हीं भुलावों और परंपराओं के चक्कर में अपनों का गला घोंट रहे हैं, यह कैसी विडंबना है और यह कैसा जीवन, जो जिंदगी के लिए मोहताज है, यहां बनावटी और अंधी आस्था का जाल है,यहां तो कोई भी बाबा बनकर किसी को भी लूट सकता है, हम तो अभागों की तरह उन ढोंगियों के दर पर पहुंच जाते हैं...यही है भारत, जिसकी सच्चाई बहुत कड़वी है और लोग इसे खा नहीं सकते।

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