Thursday, December 23, 2010

आसमान में सचिन सितारा भी है


सवाल बड़ा अजीब है कि क्रिकेट की दुनिया में महान कौन सा बल्लेबाज है...यहां महान की तलाश नहीं करनी चाहिए, बल्कि सर्वश्रेष्ठ की तलाश करनी चाहिए। सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं, लेकिन टीम में महान कैसे? इस बहस को यहीं रोकते हुए हम तलाश करते हैं सर्वश्रेष्ठ की, वह भी क्रिकेट में। चलो मान लें अर्थात् क्रिकेट में कौन बेहतर है, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, सर डॉन ब्रेडमैन, ब्रायन लारा, रिकी पॉटिंग या फिर कोई और। जब से क्रिकेट शुरू हुआ है, यह बहस तब से शुरू है। क्रिकेट में कौन कितना दिग्गज है, कौन कितने पानी में और किसने कितने मौकों पर श्रेष्ठता दी है, यह आंकलन करना बहुत मुश्किल है। जिस तरह से टीम इंडिया का सरताज, सचिन तेंदुलकर आज क्रिकेट का सितारा बनकर चमक रहा है। यह वह कोहिनूर है, जो अपनी रोशनी से क्रिकेट के मैदान को जगमगा रहा है। तो क्या कह दिया जाए कि सचिन रमेश तेंदुलकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। सौरव गांगुली अपने ही खेल के लिए जाने जाते थे, उनकी आक्रामक शैली उन्हें उनके फैंस में लोकप्रिय बना रखी थी। उनके चहेते सचिन से ज्यादा थे। वह बालकनी से शर्ट उतारकर लहराना, उस पल को शायद ही कोई भारतवासी भूल पाएगा। हां शर्ट तो धोनी ने भी उतारी थी, जब उन्होंने विश्वकप जीता था, लेकिन उनमें वह बात नहीं थी। वह इतने खास नहीं लगे, जितने दादा लगे थे। बात आगे बढ़ाते हैं, तो क्या रिकी पॉटिंग जो आॅस्टेÑलिया टीम की धार हैं और उन्होंने टीम को तीन दो क्रिकेट वर्ल्डकप जितवाएं हैं। उन्हें श्रेष्ठ करार देना चाहिए। वैसे कई लोग सचिन से उनकी तुलना करने का जोखिम जरूर उठा लेते हैं, लेकिन उन्हें एक ही जवाब दे दिया जाता है, जिससे सुनकर वो लोग चुप हो जाते हैं। सचिन को रिकी से आगे रखा जाता है। इसके बाद बात आती है ब्रायन लारा का। यह लारा का...अदम्य कद का है। यह कद कितना बड़ा है, जिसे देखकर हर कोई एक बार अपने कद पर नजर भी डालता है। तो फिर कौन है महान...स्वॉरी सर्वश्रेष्ठ। आखिर किसे दिया जाए यह ताज। इस ताज में कांटे भी हैं और कई बुराइयां भी। क्योंकि इसमें आरोप भी मढ़े जाएंगे, वह आरोप रहेंगे कि ये श्रेष्ठ नहीं हैं, इसके बावजूद ताज पहनने की उम्मीद जरूर होगी। अब भारतीय के संदर्भ में बात कि जाए तो हमारे दिल तो मां की तरह होते हैं, बेटे में सैकड़ों कमियां होने के बावजूद दुनिया में सबसे अच्छा लगता है। हमारे खिलाड़ी कितने ही मौकों पर हमें निराश क्यों न कर दें, लेकिन जब बात पक्ष लेने की आएगी तो फिर ये लोग किसी की सुनने वाले नहीं हैं। अपने क्रिकेटरों को ही आगे बढ़ाएंगे। वो तो सचिन, सौरभ और राहुल को ही दुनिया के पहला बल्लेबाज करार देंगे। न कोई सर, न कोई रिकी...यहां तो हिंदुस्तानियों की ही चलती है और अगर एसमएस के जरिए यह पता लगाया जाए कि दुनिया का कौन सा बल्लेबाज महान है, तो निश्चय ही हम एसएमएस में भी जीत जाएंगे। अब यह तो अति प्यार और अति पागलपन भी हो सकता है, लेकिन हम तो सचिन को ही शिखर पर कहेंगे। हां दुनिया में यह बहस जरूर रहती है, जिसमें सचिन को ब्रेडमैन के पीछे रखने की साजिश अंग्रेजों की है, लेकिन देखा जाए तो सचिन से बेहतर मैन भी नहीं थे। सचिन का खेल देख लें, क्रिकेट की हर कला में वह पारांगत है, फिर चाहे टेस्ट हो या वनडे। ट्वेंटी-20 में भी हमने उनके जलवे देखे हैं, कोई उनके नकार नहीं सकता है। कोई यह नहीं कह सकता है कि हमारे सितारे में कम चमक है। सचिन तो आसमान का तारा है, अब उसकी चमक से जग जगमगा रहा है।

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