Saturday, January 2, 2010

अब तो दुनिया पर हुकूमत करनी है

उम्मीदों के आसमान में हमारी पतंग को लहराने दो, जब इसकी डोर को बिना खींचे ढील दी जाएगी तो इसकी उड़ान परवान चढे़गी। इस दौरान कभी कट भी गई तो उन्मुक्त गगन की सैर जरूर कर लेगी। बस यही है 2010। उम्मीदों और आषाओं से भरा। जिंदगी जहां सलवटें लेकर षिखर से बातें करना सीखती है, फिजाओं के साथ सैर करना सीखती, वहां जाकर हमें इस उन्माद को रखना होगा, जो जीवन को विजय रथ पर बैठाना जानता हो। बस यहीं से होती है जिंदगी की जय, जब नए साल में प्रवेष कर लिया है तो क्यों न पुराने अनुभवों को हथियार बना लिया जाए। उन अधूरों सपनों को मंजिल दी जाए, जिन्हें हम अधूरा ही छोड़कर आ गए। क्या कमी थी हममें, कहां कमजोर थे इरादे, कहां चूक हो गई कोषिष में, उनकी इस बार भरपाई कर ली जाए। इस बार न कोई बहाना, न कोई और विवषता, न विडंबना और न ही कोई उलझन। सबकुछ मुट्ठी में रखने की चाहत से हम निकल पड़े हैं। अब तो दुनिया पर अपनी फतह का ध्वज फहराकर ही वापस लौटेंगे। अगर, मगर का यहां कोई सवाल नहीं उठेगा, क्योंकि हमारे इरादों में वो फौलाद है, जो सूरज की आग में नहीं है। हम ज्वालामुखी की तरह जलेंगे, लेकिन ष्षीतलता भी रखेंगे। हमारा कद हम इतना बढ़ा देंगे कि स्वयं गिरी को भी हमसे बातें करने के लिए ष्षीष उठाना पड़ेगा। हमारे भाल में इतनी बिजली और तेज पैदा कर लेेंगे, कि देखने वाले की आंखें चुंधियां जाएंगी। हम नहीं झुकेंगे, क्योंकि सत्य हमारा सुदर्षन होगा और सफलता हमारी घरौती। हम दुनिया बदलने निकले हैं, तो क्यों न रिस्क उठाया जाए, सब पत्थर को आसमान में उछालते हैं हम आसमान पर जाने की चाह रखते हैं और वहां से पत्थर को गिराने को मादा भी। तो क्यों हम हार को बर्दाष्त करें, जब हम सक्षम हैं, हमें सारी चीजें उस भगवान ने दी है, तो क्यों न हम उसे अर्जुन बनकर लक्ष्य भेदने में लगा दें, एकलव्य जैसे वीर बनें, लेकिन बुद्धि हम कृष्ण की रखें, एकलव्य की नहीं। क्योंकि वह हमारी श्रेष्ठता नहीं हमारी मूर्खता नहीं, बल्कि सौम्यता की परिचायक बन जाएगी। तो हम क्यों न वीरों की भांति अपने ष्षौर्य को बढ़ाकर उसे इतना बलषाली बना दें कि स्वयं आसमान सुबह और रात करने से पहले हमसे पूछने आए। दुनिया की ष्षर्ते नहीं अपनी ष्षर्तें बनाकर उस पर दुनिया को चलना सिखाएं और अगर वह न चले तो उसे इतना मजबूर कर दें कि वह हमारे ईद-गिर्द ही घूमे। यह नया साल उम्मीदों भरा है, इसमें हमें कुछ कर दिखाना है, कोई ऐसा काम, ताकि हमारे आने वाली कई नस्ले इस पर ऐतबार करें। बस आज से जुट जाओ दुनिया पर हुकूमत करने के लिए...।

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