Wednesday, July 27, 2011
ब्यूटी विथ ब्रेन
ईश्वर जिसको भी देता है, उसे छप्पर फाड़कर ही देता है। यह कई मौकों पर साबित भी हुआ है और साबित होता रहेगा। एक बार फिर हम ईश्वरीय बातों से निकलकर सियासत के चक्रव्यूह में आकर बात करते हैं। वह भी भारत-पाक की सियासत के सिलसिले में, जहां कुटिलता के साथ ऊपरी दिखावा भी होना चाहिए। यहां हर एक कदम फूंक-फूंककर रखा जाना चाहिए। लंबे समय से हम अपने पड़ोसी के साथ एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं। आखिर पड़ोसी भी तो ऐसा ही है, बिना वजह हम पर हमले और विस्फोट करता रहता है। आखिर कब तक हम उससे रिश्तों की बात करेंगे, जब वह हमें खत्म करने पर ही आमादा है, तो ऐसी स्थिति में हमने भी तो हाथों में चूड़ियां नहीं डाल रखी है। माना की हम शांतिप्रिय हैं, लेकिन जब बात गर्व की है, सम्मान की हो, देश की आबू्र की हो तो फिर हम मरने से नहीं डरते। तो क्या हुआ कि हमारे बाद हमारे परिवारों को दु:ख होगा, तो क्या हुआ कि हमारे बाद उन्हें रोटी, कपड़ा और मकान के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, तो क्या हुआ कि वो लोग दर-दर की ठोंकरें खाएंगे, लेकिन देश पर मर मिटने से पीछे हटने के लिए ये कारण पर्याय तो नहीं हैं। बात सियासत के शिखंडियों की, जो अपने-अपने फायदे के लिए झूले को इधर-उधर ढकेलते रहते हैं। यह तो हुई अभी तक की बातें, लेकिन पाक की सबसे लोकप्रिय विदेश मंत्री भारत में मेहमान हैं। अब उन्हें देखकर तो उनकी खूबसूरती का हर कोई कायल हो सकता है। 30-31 साल की यह महिला हिना रब्बानी...जिसे पहली बार देखो तो किसी पॉलिटिकल पार्टी की नहीं,बल्कि फिल्म की हीरोइन अधिक लगती है। वाह, खुदा भी किसी किसी पर कितना मेहरबान हो जाता है। मैडम के पास ब्यूटी की कमी नहीं है, माशाअल्लाह ब्रेन भी लाजबवा है...और तो और दौलत भी खूब है। पाक की यह विदेश मंत्री...न सिर्फ अपनी खूबसूरती से भारत को दीवाना बना गई, बल्कि पाक की ओर से उसने जो शिगूफे छोड़े, उसमें भारत उलझ कर रह गया। जब वह मिस्टर कृÞष्णा कहकर हमारे विदेशमंत्री को संबोधित कर रही थी तो फिर कृष्णा साहब के पास सिवाय मुस्कराने के और कोई चारा नहीं था। हां, कुछ लोग पहले आंक रहे थे कि इतनी कम उम्र की लड़की, और उसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई, कहीं वह फेल न हो जाए, लेकिन जिस तरह से उसने चीजों को हैंडल किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है, और तो और उसने भारत के सामने यह विकल्प भी रख दिया कि बातचीत के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। लंबे समय से भारत कई बार अपनी जिदों पर अड़ जाता था। मुंबई हमले के बाद हमारे बीच काफी तनातनी थी, एक बार फिर बातचीत के जो द्वार खुले हैं, उसमें हिना पूरी तरह से भारी नजर आर्इं। हिना की बेबाकी और उनकी इंटेलिजेंसी का हर कोई कायल हो गया। उनकी बातें पाक में भी सुनाई दे रही होंगी और उन्हें भी अपनी कम उम्र की बेटी पर गर्व होगा, क्योंकि बकायदा उन्होंने दिखा दिया कि उन्हें धुप्पल या फिर सिफारिश में विदेश मंत्री का पद नहीं मिला है, बल्कि इसके लिए बकायदा उनमें कूबत है, हुनर है और इसी हुनर पर भरोसा कर के उन्हें विदेशमंत्री का पद दिया गया है। उनकी बातें सुनकर भले ही टिप्पणीकर या आलोचक उन्हें कम उम्र और अनुभवहीनता की सलाह दें, लेकिन यह उनके पर्सनल विचार होंगे और यहां जो लिख रहा हूं, वह भी मेरे पर्सनल विचार हैं, जिसमें मैंने पाया कि वास्तव में हिना ने बेहतर तरीके से नेतृत्व क्षमता दिखाई। हां, उनकी कुछ बातें अलग थीं, लेकिन नया कुछ भी नहीं निकला। इसे रुटीन मीटिंग ही कह सकते हैं, मगर इस्लामाबाद में 2012 में जो मुलाकात होगी, उसके बीच का जो समय रहेगा, वह हालात ही वहां की मीटिंग को तय करेंगे,और तभी समझ में आएगा कि आज जो मुलाकात हुई है, वह सिर्फ बातचीत की टेबल ही साबित हुई है, या फिर कुछ और। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या हिना ने जो कहा है, उस बात पर पाक कायम रहता है, और तो और खास बात यह रहेगी कि क्या इस दौरान पाक सच्चाई और ईमादारी बरतता है, यह तो भविष्य के तीर हैं, जो पता नहीं लक्ष्य भेद पाएगा या नहीं। यह नहीं जान पाएंगे...दुनिया भी इन दोनों की बातों को टकटकी लगाए थी, क्योंकि अभी कुछ दिन पूर्व ही हिलेरी ने भारत दौरा किया था, और उनकी कुटिलता और मुस्कान के पीछे क्या छिपा है, यह समझ नहीं पाया। खैर...आने वाला समय ही बताएगा कि इन दोनों के बीच बंद कमरे में क्या हुआ और सार्वजनिक क्या हुआ...यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल तो जैसा बयान इन्होंने दिया है, उसे हम सच मानकर भविष्य की अटकलें लगाए रहेंगे। उम्मीदें पाले बैठे हैं, और यह उम्मीदें हकीकत से कितना वास्ता रखेंगी यह तो बात की बात ही है। हम तो सिर्फ यही कह सकते हैं कि हिना रब्बानी...कुछ-कुछ अमेरिका की हिलेरी क्लिंटन को टक्कर देंगी, क्योंकि उनकी तरह इनके पास भी ब्यूटी विथ ब्रेन है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Nicr
ReplyDeleteNice
ReplyDelete