Tuesday, March 30, 2010

इन युवराजों का क्या होगा?



एक बार फिर जवां दिलों को धक्का लग सकता है, उनका दिल टूट सकता है, क्योंकि टेनिस की सनसनी सानिया को अपने दिलों में हसरत बनाकर रखने वालों को अब एक बार फिर सानिया की ष्षादी की खबर बहुत जल्द मिल जाएगी। सूत्रों के मुताबिक जो खबरें छन कर आई हैं, उनमें यह बात सामने आई है कि सानिया अब पाक के चांद कहलाने वाले ष्षोएब मलिक से निकाह फरमाएंगी। बुरा हो उस कलमुंहे का, बस यही बद्दुआ हर जवां दिल से निकल रही है। निकले भी क्यों न, क्योंकि इस बार हमारे युवराजों की राजकुमारी को लेकर कोई विदेषी जाने की तैयारी कर रहा है। इसमें भी सबसे बड़ा दर्द यह है िकवह हमारे जानी दुष्मनों वाले देषों में से एक है। अब क्या हिंदुस्तान में कोई भी ऐसा मर्द नहीं है, जो सानिया को अपने दिल की महबूबा बनाकर उसे यहीं रख लेे। या सानिया को भी परदेष प्रेम भा रहा है। मैडम एक आषिक की तरह ही हम सारे युवराज आपको थोड़ी सी सलाह देना चाहते हैं, सलाह यह है कि इन पाकिस्तानियों का कोई भरोसा नहीं है। कल को तुम्हें अपना बनाकर सारे कर्म करके अगर तुम्हें दुनिया की ठोंकरें खाने के लिए छोड़ दिया तो तुम क्या करोगी। हां, इतना तो तय है कि तुम्हारी मुहब्बत के दीवाने तुम्हें तबाह नहीं होने देंगे, क्योेंकि उनकी मुहब्बत मुष्किल में रहती है तो वो अंगारों पर भी चलकर उसे बचाते हैं, उसकी मदद करते हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही होगा। मगर यह हो ही क्यों रहा है, क्या तुम्हें इतने सारे युवराजों में कोई भी नहीं भा रहा है। तुम्हारा दिल किसी के लिए नहीं धड़क रहा है। वहां से अच्छे-अच्छे मुंडे हमारे ष्देष में हैं। हर वैरायटी के, जो चाहों जैसा चाहो, आपके लिए अपनी जान तक लुटाने वाले भी यहां मौजूद हैं। तो क्या जरूरत है, तुम्हें पाक में जाने की। वहां तो मुष्किलें भी आ सकती हैं, यहां तो सभी तुम्हारे अपने हैं। एक आषिक की समझाइष समझो या उसका दर्द, क्योंकि तुम्हारे जाने से सबसे ज्यादा दिल तो हमारा ही जलेगा। हां इतना रहेगा कि अगर तुम मुल्क में रही तो निष्चय ही तुम्हारे दीदार के लिए हमें तरसना नहीं होगा। मगर तुम वहां चली गई तो फिर जाने कब इस चांद के दीदार हो पाएं। यहां तो बस गुजारिष ही की जा सकती है। फैसला तो आपको करना होगा। क्या आप इतनी बेदर्द हैं कि अपनी मुहब्बत का गला घोंट कर किसी पराए के साथ ख्वाब देखने किसी और मुल्क में चली जाएं। भई हमसे और हमारे देष के युवराजों से यह नहीं होगा। तुम एक हुक्म तो करो सारे अपने लहू को तुम्हारे लिए बहा देंगे। तुम्हारी खातिर उस आसमान के चांद को लेकर आ जाएंगे। इसलिए ऐ बेदर्द बेवफा, हमारी आषिकी को अपनी बेवफाई से बर्बाद न करे, इन आषिकों को उनके इष्क के लिए कम से कम कोई तस्वीर तो रहने दे, जो तुझे कम से कम देखकर अपने खुदा को ष्षुक्रिया तो अदा कर सके।

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