Sunday, July 26, 2009

ये महबूब की मेहनत है


सानिया मिर्जा का नाम लेते ही युवावो के चेरे खिल जाते है। सनसनी सानिया का शादी से पहले बुरा दौर चल रहा था।

उन्होंने लाखों का दिल तोड़ते हुए सोहराब के साथ शादी रचाने का फ़ैसला लिया। ये ख़बर सुनते ही लड़को के दिल तार-तार हो गए. उन्हें लगा की बेवफा निकली सानिया जो किसी सोहराब के साथ चली गए।

मगर कहते है महबूब की मोहबत्त में कशिश हो तो उसका रंग अपने आप दिखने लगता है। सान्या के लिए भी उनके सोहराब अपना काम धंधा छोड़कर मैदान में पहुँच गए थे. इस तारा महबूब , मेहंदी और मैदान की कहानी बन गए. सोहराब ने मैदान में खूब प्रक्टिस करते हुए देखा. और उनकी मेहनत रंग लाई ।

सानिया ने अमेरिका के लंक्सिग्तों में खेली गए प्रतियोगिता जीत ली। भाई महबूब की मोहाबत का रंग है. अगर महबूब के मैदान पर रहने से इतना ही फर्क पड़ता है तो हमारे क्रिक्केत्रो को भी कुछ सीख लेनी चाहिए।

सहवाग के साथ तो महबूबा साथ ही रहती है। इसे तरह दो चार खिलाड़ी और है जिनका महबूब साथ रहता है. इस्ससे प्रदर्शन उनका सुधरा भी है. मगर दिक्कत धोनी, यूवराज जैसे कुंवारों को खड़ी हो जायेगी बेचारे किस-किस को साथ लायेंगे. एक को ले गए तो दूसरी मोह्हबत खफा हो जायेगी. बेचारे ये क्या करे. शायद सानिया को देखकर कुछ खिलाड़ी परमानेंट मुहब्बत की जुगाड़ कर ले. इसे बहने देश खेलो में कम से कम हारेगा तो नही.

2 comments:

  1. इस टिप्पणी के माध्यम से, सहर्ष यह सूचना दी जा रही है कि आपके ब्लॉग को प्रिंट मीडिया में स्थान दिया गया है।

    अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं।

    बधाई।

    बी एस पाबला

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